भले ही उत्तराखंड के गठन को 23 साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में कई समस्याएं हैं। अलग राज्य बनने के बाद भी पहाड़ के अधिकांश गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए इंतजार करने को मजबूर हैं। एक दिलचस्प खबर चिन्यालीसौड़ गांव से आ रही है जिसकी सीमाएं जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से सटी हुई हैं, यहां का खलासी राजस्व गांव चनाड़ आज भी सड़क सुविधा से वंचित है।
आज़दी के 75 साल बाद भी उत्तराखंड के इस गाँव में नहीं है जरूरती चीज़े
जिसके कारण अब यहां के ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि इस गांव में 137 खलासी परिवार रहते हैं। 1 हजार से अधिक की आबादी वाला यह गांव आजादी के 75 साल बाद भी सड़क और पेयजल जैसी कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां के ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने कई बार अपील की, लेकिन सरकार और प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली, लेकिन गांव में अच्छी सड़कें नहीं हैं, जो बच्चों की शिक्षा में बाधा बन रही हैं।
वहाँ भविष्य अधर में लटका हुआ है, न तो कोई अपनी लड़की के लिए रिश्ता ढूँढने आता है और न ही किसी और से रिश्ता बनाना संभव है। इतना ही नहीं, यहां पेयजल आपूर्ति नहीं होने के कारण ग्रामीण कई किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। जिसके चलते ग्रामीणों ने इस बार लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि सड़क नहीं तो वोट नहीं, अब देखना होगा कि सरकार खलासी छंद के ग्रामीणों को सड़क मुहैया करा पाती है या नहीं।
इस संबंध में उप ग्राम प्रधान प्रवीण कुमार ने मीडिया के माध्यम से विशेष बातचीत कर लोगों को जागरूक किया। उन्होंने लोगों और सरकार को गांव की खराब स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण लंबे समय से पेयजल, सड़क समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। जिसके लिए स्थानीय जन प्रतिनिधि को भी कई बार पत्राचार के माध्यम से समस्या से अवगत कराया गया है। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस संबंध में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है. जिसके चलते वह आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने को मजबूर हैं।