पिथौरागढ़ के दो युवाओं ने किया कमाल, HNB श्रीनगर में असिस्टेंट प्रोफेसर बने शंकर सिंह तो कविता ने पास की NET की परिक्षा

प्रदेश के होनहार युवा आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आज हम आपको ऐसे ही होनहार युवाओं की कहानी बताने आए हैं। इन युवाओं ने न सिर्फ अपनी प्रतिभा से ऊंचाइयां हासिल की बल्कि राज्य का नाम भी रोशन किया. इसी कड़ी में आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे होनहार युवा से मिलवाने जा रहे हैं जो असिस्टेंट प्रोफेसर बन गया है।

JRF कि परिक्षा और डाक्टरेट भी हासिल कर चुके है शंकर

मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के निवासी शंकर सिंह का चयन हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शंकर सिंह राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील के बेलपट्टी क्षेत्र के बुंगली गांव के दूरस्थ क्षेत्र पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं, उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण यह सफलता हासिल की है।

नेट जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण करने के अलावा उन्होंने पीएचडी की मानक डिग्री भी प्राप्त की है। डॉ. शंकर सिंह ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरु प्रो. रमा मैखुरी को दिया है। इससे पहले पंकज ने अपना जेआरएफ भी पास किया था और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी

इसके साथ ही दूसरी ओर, कविता वल्दिया, निवासी सिमलकोट और मूल रूप से चंद्रभागा, पिथौरागढ़ जिले की रहने वाली हैं। राजनीति विज्ञान विषय में यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण की है। आपको बता दें कि कविता बचपन से ही पढ़ाई में होनहार छात्रा रही हैं। पिछले साल कविता को पॉलिटिकल साइंस में गोल्ड मेडल मिला था।

आपको बता दें कि कविता के पिता दलीप सिंह मां भगवती ट्रेनिंग स्कूल चलाते हैं और मां उषा गृहिणी हैं. वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देती हैं। बेटी की इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से शंकर और कविता के परिवार में खुशी का माहौल है, उनके घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है।

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