आखिर क्यों लगा कैंची धाम और मंदिरों में अघोषित कर्फ्यू, शाम 5 बजे के बाद हर मंदिरों में प्रवेश वर्जित

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लॉकडाउन के बाद कई लोगों की इच्छा है कि लॉकडाउन का यह दौर कभी वापस न आए। लेकिन ऐसा लगता है कि उत्तराखंड के लोगों के लिए वो दिन ख़त्म नहीं हुए हैं। हाल ही में गुलदार के आतंक के चलते नैनीताल के काकड़ीघाट में अघोषित कर्फ्यू लगा दिया गया है। हाल ही में खबर आई थी कि यहां गुलदार ने एक युवक को मार डाला। सुरक्षा को देखते हुए कैंची धाम को 5 बजे के बाद बंद करने का आदेश हुआ।

गुलदार के आतंक से शाम होते ही घरों में कैद होने को मजबूर हुए लोग

इसके बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। शाम होने से पहले ही बाजार बंद हो जा रहे हैं। यहां शाम पांच बजे के बाद मंदिरों में भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध कैंचीधाम आने वाले श्रद्धालुओं से भी शाम 5 बजे के बाद मंदिर न आने की अपील की गई है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने यहां भी ऑनलाइन पढ़ाई कराने का फैसला लिया है।

बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब प्राइमरी और जूनियर स्तर पर ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) एसएस चौहान ने संकुल समन्वयक को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। काकड़ीघाट क्षेत्र अल्मोडा-हल्द्वानी राजमार्ग पर स्थित है। यहां दिनदहाड़े गुलदार गांवों में घूमता नजर आ रहा है। ऐसे में लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं।

जरूरत पड़ी तो यहां स्कूल बंद रखने का भी फैसला लिया जा सकता है। इसके लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) को पत्राचार भी भेजा गया है। गुलदार की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए दो दिन पहले नीम करौली आश्रम और कर्कटेश्वर मंदिर में शाम पांच बजे के बाद श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया था। प्राइमरी, जूनियर और इंटर कॉलेज के बच्चे भी जोखिम उठाकर स्कूल जा रहे हैं। इसे देखते हुए अब क्षेत्र में ऑनलाइन पढ़ाई कराने का निर्णय लिया गया है।

बीईओ चौहान के मुताबिक संकुल समन्वयक को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं और शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करने को कहा गया है। ग्रामीणों ने बताया कि गुलदार नीम करौली मंदिर क्षेत्र के ऊपरी जंगलों में घूम रहा है। जिससे लोग डरे हुए हैं, 18 नवंबर को गुलदार ने काकड़ीघाट क्षेत्र के सादाका गांव के जीवन सिंह को अपना शिकार बनाया था। क्षेत्र में हिंसक गुलदार की आबादी बढ़ने से पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है।