अब जैसा उत्तर प्रदेश में हुआ करता था, वैसा ही अब देव भूमि उत्तराखंड में भी हुआ करेगा, जैसा कि आप सभी जानते है कि कांवड़ यात्रा अब शुरू हो चुकी है और कई सारे भोलेनाथ के भक्त अपनी अपनी कांवड़ लेकर उसमे गंगा जल लेकर अपनी यात्रा की तरफ निकल गए है, इस कांवड़ यात्रा के दौरान अब जो भी ढाबे, दुकाने या फिर होटल जो उत्तराखंड की सीमा के अंदर आते है, उन्हें अपनी दूकान के आगे अपना नाम और पता लिखना ज़रूरी पड़ेगा।
उत्तराखंड पुलिस ने बनाये मनमौजी ढाबो को लेकर सख्त नियम
लेकिन जिन होटल और ढाबा मालिकों ने इस नियम को लेकर लापरवाही करी है, उनके ऊपर थाना पुलिस ने श्याम को कई चालान करे है। इनमे फिलहाल पहले दिन ही 11 लोगो पर चालान हो चूका है। हरिद्वार के SSP ने कहा है “इस नियम को लेते हुए, कई बार विवाद कि स्तिथि हो जाती है कि कई बार दूकान पर दुकानदारों का नाम नहीं लिखा होता है। और कई बार कावड़ इसको लेकर आपत्ति भी करते है। उनका कहना है कि हम एक पवित्र यात्रा पर निकले है और हम एक शुद्ध शाकाहारी ढाबे पर अपना खाना खाना चाहते है लेकिन इन ढाबो पर मालिक का नाम और पता न लिखे जाने के कारण हम किसी मांसाहारी के ढाबे पर खाना खा ले तो हमारी यात्रा खराब हो जाती है। “
असल में ये नियम इसीलिए लागू किया गया है क्युकी, कई बार ढाबो पर दूकान किसी और धर्म की होने पर यानी उसके मालिक के दूसरे धरम के होने पर विवाद हो चूका है। हरिद्वार के SSP ने कहा है कि पिछले कुछ सालो में पता चला है कि कावंड़िये जब कावड़ लेकर निकलते है तो रस्ते में उन्हें कई बार इन ढाबो, दुकानों और होटलो में रुकना पड़ता है। ढाबो पर खाना खाते है वो कई बार रुक कर लेकिन, जब उन्हें पता चलता है कि ये होटल किसी मुस्लिम या फिर किसी अन्य धर्म का है न कि हिन्दू धर्म का तो वो इसपर विवाद यानी लड़ाई झगड़ा करने लगते है। और ये झगडे इतने बढ़ जाते है कि इसमें फिर लोकल थाना पुलिस को कई बार सख्ती भी दिखानी पड़ती है। इन्ही सब विवादों और झगड़ो को रोकने और कम करने के लिए उत्तराखंड कि पुलिस ने ये सख्त नियम बनाया है कि, रस्ते में आ रही दुकाने, होटल और ढाबो को अपनी दूकान के आगे अपने मालिक का नाम और पता लिखना पड़ेगा।