उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक के साथ ही इससे होने वाली तबाही से जुड़ी खबरें आनी शुरू हो गई हैं, कई जगहों पर बारिश ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। बारिश के कारण मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नदी, नाले सभी उफान पर बह रहे हैं। लोग रात को सोने से डरते हैं। धीरे-धीरे नदी खतरे के निशान तक पहुंच रही है। भारी बारिश के कारण पहाड़ों में नदियों से सटे आवासीय भवनों पर खतरा मंडरा रहा है।
बेलनी पुल के नीचे धंसी शिव की मूर्ती
बेलनी पुल के नीचे बनी शिव की मूर्ति भी डूब गयी है। बद्रीनाथ से आने वाली अलकनंदा नदी उफान पर है और इसके तेज बहाव के साथ रास्ते में कूड़ा-कचरा और बड़े-बड़े पेड़ बहकर आ रहे हैं। पूरे प्रदेश में भारी बारिश हो रही है लेकिन गुरुवार रात को इसके कारण केदारनाथ हाईवे की रुद्रप्रयाग अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर स्थित 60 मीटर लंबी सुरंग का ऊपरी हिस्सा ढह गया है। सुरंग के बीच में एक बड़ा छेद भी था।
सुरंग के ऊपर पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से सुरंग में छेद हो गया है। सुरंग में बड़ी मात्रा में मलबा घुस गया है जिससे रास्ता अवरुद्ध हो गया है और यात्रा बाधित हो गई है। सुरंग बंद होने से केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और फिलहाल इस रास्ते से केदारनाथ घाटी जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, अधिकारियों ने अलग रास्ते से यात्रा करने का सुझाव दिया है।
स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को अब केदारघाटी तक पहुंचने और केदारघाटी से लौटने के लिए 5 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। सुरंग की मरम्मत होने तक केदारघाटी जाने वाले वाहन बाईपास मोटर मार्ग से आवागमन करेंगे।