उत्तराखंड से चौकाने वाली खबर आई सामने, वाडिया इंस्टीट्यूट ने राज्य की 13 में से 5 झीलों को भविष्य के लिए खतरा

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एक चौंकाने वाली खबर यह आ रही है कि सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड में 13 ऐसी झीलों की पहचान की है जो खतरे में हैं। इनमें से चमोली और पिथौरागढ़ की पांच झीलें हैं, कहा जाता है कि ये झीलें कभी भी तबाही मचा सकती हैं। इनसे बचाव की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। डॉ.सिन्हा ने बताया कि इसे रोकने के लिए इन झीलों को वैज्ञानिक तरीके से पंचर किया जाएगा, ताकि आपदा का खतरा न रहे। इसलिए जुलाई में इन झीलों को पंचर करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम पहुंचेगी. ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं जिससे इन झीलों का जल स्तर बढ़ रहा है।

इन झील को पंक्चर करने की तैयारी

सैटेलाइट और स्थानीय स्तर पर इन पर नजर रखी जा रही है. आपदा प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक सी-डैक पुणे के नेतृत्व में एक टीम पांचों झीलों का अध्ययन और शमन करने जाएगी, जिसमें वाडिया इंस्टीट्यूट, जीएसआई लखनऊ, एनआईएच रूड़की, आईआईआरएस देहरादून समेत विभिन्न एजेंसियों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड यानी जीएलओएफ के अध्ययन में उत्तराखंड में 13 झीलों को खतरनाक माना गया है, जिनमें से 5 झीलें हाई रिस्क वाली हैं. इनमें से वसुधारा झील चमोली के धौलीगंगा बेसिन में मौजूद है, जिसका आकार 0.50 हेक्टेयर और ऊंचाई 4702 मीटर है।

दूसरी अवर्गीकृत झील पिथौरागढ़ के दारमा बेसिन में 0.09 हेक्टेयर में फैली हुई है और इसकी ऊँचाई 4794 मीटर है। तीसरी माबन झील पिथौरागढ़ की लासेर यांगती घाटी में है, जो 0.11 हेक्टेयर और समुद्र तल से 4351 मीटर की ऊंचाई पर है। चौथी अवर्गीकृत झील पिथौरागढ़ की घाटी में 4868 मीटर की ऊंचाई पर 0.04 हेक्टेयर में मौजूद है। पांचवीं पुंगसू झील पिथौरागढ़ के दारमा बेसिन में है जिसका क्षेत्रफल 0.02 हेक्टेयर और ऊंचाई 4758 मीटर है।

इस समस्या से बचने के लिए नई तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए झीलों की निगरानी के लिए मौके पर एक उपकरण लगाया जाएगा। इन्हें सैटेलाइट से भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ग्लेशियर झीलों की स्थिति को देखते हुए शमन के लिए वहां डिस्चार्ज क्लिप पाइप डाले जाएंगे, जिससे झीलें पंचर हो जाएंगी। तकनीकी टीम अपने अध्ययन में यह भी देखेगी कि इन झीलों की दीवारें कितनी मजबूत और गहरी हैं।