NEET P.G. ने जारी किया रिजल्ट, उत्तराखंड से चंपावत के अक्षत पंगरिया ने मारी बाजी और करा देश में टाॅप

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उत्तराखंड में एक तरफ ऐसे बच्चे हैं जो पढ़ाई से भागते नजर आते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे होनहार बच्चे भी हैं जो मन लगाकर पढ़ाई करते हैं और लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए विशेष सफलता हासिल करते हैं। हम आपको हर दिन उत्तराखंड के ऐसे होनहार बच्चों से मिलवाते रहते हैं जो अपनी मेहनत और लगन से पूरे देश में अपने राज्य का नाम रोशन करते हैं। आज हम आपको उत्तराखंड के एक और ऐसे होनहार बेटे से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने अपने पहले प्रयास में ही 99.99 अंकों के साथ NEET परीक्षा पास कर ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल की है।

पूरे भारत में पहली रैंक हासिल की

अब, उनके पास पूरे राज्य को गौरवान्वित करने का सुनहरा अवसर है। हम बात कर रहे हैं चंपावत जिले के पाताल गांव के रहने वाले अक्षत पंगरिया की, जिन्होंने NEET परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है और पूरे भारत में पहली रैंक हासिल की है। इसके बाद उनकी उपलब्धि से उनके परिवार में खुशी का माहौल है, उनके घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अक्षत पंगरिया वर्तमान में अपने परिवार के साथ नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के करायल चतुर सिंह इलाके में रहते हैं। उनके पिता गोविंद बल्लभ पंगरिया जहां सीएचसी किच्छा में डॉक्टर के पद पर कार्यरत हैं, वहीं उनकी मां सोनू पंगरिया एक कुशल गृहिणी हैं। आपको बता दें कि आर्यमन विक्रम बिड़ला स्कूल से हाई स्कूल की परीक्षा 97% अंकों के साथ पास करने वाले अक्षत ने इंडियन इंटरनेशनल स्कूल से इंटरमीडिएट की परीक्षा में 96% अंक हासिल किए थे।

बताया जा रहा है कि वह 11वीं क्लास से ही NEET की तैयारी कर रहे थे, उनकी बड़ी बहन आकांक्षा भी पीएचडी की तैयारी कर रही हैं। अक्षत ने अपनी विशेष सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिजनों एवं गुरुजनों को दिया है।अक्षत का कहना है कि नीट परीक्षा पास करने के लिए उन्होंने रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ाई की और अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट की किताबें पढ़ने के साथ-साथ NCERT की किताबों से भी तैयारी की।

उन्होंने बताया कि वह मोबाइल का इस्तेमाल बहुत कम करते हैं और युवाओं को भी संदेश देना चाहते हैं कि वे पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दें और तैयारी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करें. नियमित टेस्ट देते रहें और अपना विश्लेषण करें, इतना ही नहीं अपनी गलतियों को ढूंढकर उनमें सुधार करना चाहिए, यही आपकी सफलता का मूल मंत्र है। अक्षत को संगीत सुनने का भी शौक है और उनके जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना है। डॉक्टर बनने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिली।