कैंची धाम मेले को लेकर सरकार ने कसी कमर, शासन हुआ सख्त नैनीताल में कई जगह बनेगी पार्किंग तैयार हुआ रोड मैप

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हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 15 जून को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध नीम करौली बाबा के कैंची धाम में बाबा नीम करौली आश्रम के स्थापना दिवस के अवसर पर एक भव्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रसिद्ध मेले में हर साल देश-विदेश से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ बाबा के दर पर आती है और भवाली-अल्मोड़ा राजमार्ग पर वाहनों का दबाव काफी रहता है, जिसे लेकर प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड पर है, ताकि यातायात व्यवस्था ठीक से बनी रहे।

IAS वंदना चौहान ने संबंधित अधिकारियों की बैठक ली और दी नसीहत

इस संबंध में कल नैनीताल जिले की डीएम आईएएस वंदना चौहान ने संबंधित अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें मेले की सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिये। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में स्थित बाबा नीम करौली का निवास स्थान कैंची धाम भक्तों की आस्था व विश्वास का केंद्र माना जाता है। जहां पर जानी-मानी तमाम हस्तियां भी अक्सर बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए पहुँचा करती है। दरअसल कैंची धाम हनुमान जी का मंदिर है जिनकी प्रतिमा की प्रतिष्ठा 15 जून 1964 को बाबा नीम करोली ने मन्दिर की स्थापना के दौरान की थी।

इसलिए हर वर्ष यहां पर 15 जून को विशाल मेले तथा भंडारे का आयोजन किया जाता है और इस दिन यहां पर आना श्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है की कैंची धाम में आने वाला भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटता। उन्होंने कहा कि सिद्धांत यह है कि कैंची धाम आने वाला भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटता।

आपको बता दें कि इस मेले के दौरान सुबह 5 बजे शंख, घंटी और ढोल के साथ खुलने वाले मंदिर में बाबा को मालपुआ का भोग लगाया जाता है। क्योंकि यह बाबा नीम करौली की पसंदीदा डिश थी इसलिए इसे शुद्ध देसी घी में नहीं बनाया जाता है। यह प्रसाद सिर्फ उन्हें ही पसंद था लेकिन अब बाबा को चढ़ाने के बाद यह प्रसाद सभी भक्तों को दिया जाता है।