गौरतलब है कि चारधाम यात्रा शुरू होने पर चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. चारधाम यात्रा पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने के कारण कई स्थानों पर व्यवस्थाएं और उपाय चरमराते नजर आ रहे हैं। इन व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 31 मई तक ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते श्रद्धालुओं को 31 मई तक इंतजार करना होगा।
बिना पंजीकरण के आ रहे श्रद्धालुओं को चारधाम में नो एंट्री
आपको बता दें कि इन दिनों उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है, इस वजह से यात्रा के लिए आने वाले सभी तीर्थयात्री बड़ी संख्या में चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे हैं, पंजीकरण ऑफ़लाइन और ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है, इससे भक्तों की संख्या में वृद्धि हो रही है। . यात्रियों की संख्या अधिक होने के कारण जगह-जगह सरकारी व्यवस्थाएं चरमराती नजर आ रही हैं। इन चरमराती व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अपनी समीक्षा बैठक के माध्यम से ऑफलाइन पंजीकरण को 31 मई तक स्थगित करने के निर्देश दिए, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आएगी और अव्यवस्था भी कम होगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, बीते सोमवार को सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक के जरिए मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर और आईजी को चारधाम यात्रा के लिए डायवर्जन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री का कहना है कि चारधाम यात्रा के लिए भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं को चारों धामों में श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के अनुसार ही भेजा जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि जो श्रद्धालु छतधाम की यात्रा के लिए उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन बिना पंजीकरण के हैं, उन्हें राज्य के अन्य धार्मिक और पौराणिक पर्यटन स्थलों की यात्रा करने का सुझाव दिया जाना चाहिए, लेकिन चारधाम यात्रा की नहीं और उन्हें सीधे बताया जाना चाहिए कि अनुमति दी जाएगी। निश्चित संख्या और मानकों के आधार पर ही चार धाम की यात्रा करें। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने टूर ऑपरेटरों के लिए एडवाइजरी जारी करने का भी आदेश दिया है और कहा है कि टूर ऑपरेटरों को पर्यटन विभाग से समन्वय बनाकर ही श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा पर लाने की सलाह दी जाए।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 दिनों में चारधाम यात्रा के प्रबंधन एवं व्यवस्थाओं में जो भी कमियाँ एवं समस्याएँ आयी हैं, उनका विश्लेषण कर दूर किया जाय। उन्होंने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन को निर्देश दिये कि वह विश्लेषण के साथ-साथ समस्याओं के समाधान की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें। रिपोर्ट में यात्रा प्रबंधन के दौरान किए गए सराहनीय कार्यों का भी जिक्र होना चाहिए।