उत्तराखंड के लोगों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। यहां जो उपभोक्ता अपने महंगे बिलों का भुगतान करने से तंग आ चुके हैं, उनके लिए upcl एक योजना लेकर आया है। इसमें उपभोक्ता साल में एक बार सामान्य से प्रीपेड और प्रीपेड से सामान्य कनेक्शन में बदलाव कर सकता है। इससे प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में तीन से चार फीसदी की छूट मिलेगी। इस साल यूपीसीएल ने उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं को दोहरा झटका दिया है।
लोकसभा चुनाव के बाद बिजली बिल की दरों में सात फीसदी तक बढ़ोतरी
एक तरफ UPCL ने एडजस्टमेंट के नाम पर फ्यूल चार्ज में सात पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की थी, वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव के बाद बिजली बिल की दरों में सात फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी, जिससे यह साबित हो गया। बिजली उपभोक्ताओं के लिए दोहरी मार होगी। विद्युत नियामक आयोग ने प्रीपेड मीटर लगाने के संबंध में ऊर्जा निगम को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसी क्रम में ऊर्जा निगम ने आम बिजली उपभोक्ताओं से प्रीपेड मीटर लगाने के विकल्प मांगे हैं। इसके बाद उपभोक्ता साल में केवल एक बार ही अपने बिजली कनेक्शन को सामान्य से प्रीपेड या प्रीपेड से सामान्य में बदलवा सकेगा।
प्रीपेड कनेक्शन लेने पर बिजली की कीमत की तुलना में कोई सिक्योरिटी नहीं ली जाएगी, लेकिन मीटर और उपकरण सामग्री के खर्च के लिए सिक्योरिटी ली जाएगी और यह सिक्योरिटी बीपीएल से नहीं ली जाएगी। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह छूट 4% होगी और अन्य उपभोक्ताओं को तीन 3% की छूट मिलेगी। अस्थाई कनेक्शन पर किसी भी प्रकार की कोई छूट नहीं मिलेगी।
आयोग के निर्देशानुसार सभी उपभोक्ताओं से प्रीपेड मीटर का विकल्प मांगा गया है। प्रीपेड मीटर के तहत उपभोक्ताओं को बिजली बिल में छूट देने का भी प्रावधान है. प्रीपेड मीटर में न्यूनतम रिचार्ज 100 रुपये और अधिकतम रिचार्ज 15,000 रुपये हो सकता है और उपभोक्ताओं से वोल्टेज छूट, सरचार्ज, पावर फैक्टर सरचार्ज, अधिक लोड पर जुर्माना नहीं लिया जाएगा। यदि प्रीपेड मीटर मिलने से पहले पिछला बकाया नहीं चुकाया गया तो बकाया राशि का 20 से 50 प्रतिशत तक समायोजन किया जाएगा।