स्कूल तक 2km तक जाते थे पैदल अब जाकर अल्मोड़ा की जुड़वा बहनों की मेहनत रंग लाई, उत्तराखंड बोर्ड में दोनों ने मेरिट लिस्ट में पाया स्थान

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यदि आपने कुछ करने की ठान ली है तो लक्ष्य कभी दूर नहीं होता। आज पहाड़ की बेटियां शिक्षा से लेकर खेल तक हर क्षेत्र में अपनी कुशलता का लोहा मनवा रही हैं। प्रदेश की बेटियों ने अपनी मंजिल ऐसी तय की है जहां सफलता का मतलब देश में उत्तराखंड का नाम रोशन करना है। एक बार फिर पहाड़ की बेटियों की मेहनत ने अपने परिवार और उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।

पिता रुद्रपुर में प्राइवेट कंपनी में करते है काम

जैसे ही यूके बोर्ड का परिणाम आया, कई छात्र अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हुए। लेकिन आज हम आपको प्रदेश की एक जुड़वां लड़कियों की कहानी बता रहे हैं। आज हम आपको जिन दो बहनों के बारे में बताने जा रहे हैं उनकी मेहनत को पूरा देश सलाम कर रहा है… हम बात कर रहे हैं रोशनी और गुंजन की। जिन्होंने उत्तराखंड बोर्ड के इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में 92 और 94.80 प्रतिशत अंक हासिल कर अपने परिवार के साथ-साथ उत्तराखंड को भी एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है।

रोशनी और गुंजन मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के धौलछीना के भेटाडांगी की रहने वाली हैं। उत्तराखंड बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजों में रोशनी ने 92 फीसदी अंक हासिल कर प्रदेश की मेरिट सूची में 23वां स्थान हासिल किया है। वहीं, उनकी छोटी बहन गुंजन ने भी 10वीं कक्षा के नतीजों में कमाल किया है और 94.80 अंकों के साथ राज्य की मेरिट सूची में 24वां स्थान हासिल किया है। दोनों बहनें राजकीय इंटर कॉलेज नगरखान की छात्रा हैं। रोशनी और गुंजन बेहद सामान्य परिवार से हैं।

उनके पिता आनंद सिंह रुद्रपुर में प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां सुनीता देवी गृहिणी हैं। उनके गांव का पूरा क्षेत्र उनसे खुश है। बहनों का कहना है कि उन दोनों ने बिना किसी ट्यूशन के सेल्फ स्टडी के दम पर यह सफलता हासिल की है. सीमित संसाधनों के कारण उन्होंने कभी हार नहीं मानी और दोनों बहनें हर दिन गांव से दो किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाती थीं और अपनी पढ़ाई को सबसे आगे रखा। इसी का नतीजा है कि आज दोनों बहनों ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं।