कम उम्र में पिता को खोया फ़िर भी नहीं हारा हौसला, उत्तराखंड के पीयूष खोलिया का माँ बनी सहारा और कर दिया राज्य में टॉप

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उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने मंगलवार को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित कर दिए हैं। कई विद्यार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है, जिसमें पिथौरागढ़ जिले की रहने वाली प्रियांशी रावत ने हाई स्कूल परीक्षा में परचम लहराया है, जबकि अल्मोड़ा निवासी पीयूष खोलिया ने इंटरमीडिएट परीक्षा में बाजी मारी है और राज्य टॉपर बनने का दर्जा हासिल किया है।

उत्तराखंड बोर्ड का आया रिजल्ट बने राज्य के संयुक्त टॉपर

अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी यह अभूतपूर्व उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका जीवन बचपन से ही संघर्ष से भरा था। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब वह पांचवीं कक्षा के छात्र थे, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गयी. जहां ज्यादातर बच्चे कम उम्र में अपने पिता को खोने के बाद गलत रास्ते पर चलने लगते हैं, वहीं इसके उलट उन्होंने अपनी पढ़ाई पर फोकस किया।

उनकी मां उन्हें खूब प्रोत्साहित करती रहीं, इन्हीं बुलंद हौसलों, मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने बोर्ड परीक्षा परिणाम में प्रदेश में सर्वोच्च अंक हासिल करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। आपको बता दें कि पीयूष ने 488 अंक हासिल कर यह रिकॉर्ड बनाया है। आइए आपको बताते हैं पीयूष के परिवार के संघर्ष के बारे में, उन्होंने 12वीं की परीक्षा विवेकानंद इंटर कॉलेज अल्मोडा से पास की और सुनारीनौला में रहते हैं।

उनके परिवार की पृष्ठभूमि शिक्षक की है, पीयूष की मां भावना खोलिया विवेकानंद बालिका विद्या मंदिर जीवनधाम में शिक्षिका हैं, जबकि उनके दिवंगत पिता के.एस. खोलिया विवेकानन्द इंटर कॉलेज में शिक्षक भी थे। उन्होंने बताया कि इस सफलता को हासिल करने के लिए वह रोजाना 7 घंटे पढ़ाई करते थे. छोटी उम्र में ही पिता के असामयिक निधन और परिवार का इकलौता बेटा होने के कारण बचपन में ही परिवार की जिम्मेदारी उनके मासूम कंधों पर आ गई, लेकिन हिम्मत न हारते हुए उन्होंने न सिर्फ इसका बखूबी सामना किया बल्कि आज सबसे आगे हैं। उत्तराखंड टॉपर ने अपनी मां को दी खुशियों की सौगात।