उत्तराखंड में गर्मी से सहमे लोगों के लिए मौसम विभाग ने अच्छी खबर दी है। मौसम की भविष्यवाणियों और मौसम अलर्ट के लिए मौसम विभाग को धन्यवाद, जिसके कारण कई स्थानों पर सिस्टम में सुधार करके आपदाओं को होने से रोका जा सकता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं गर्मी के मौसम में लाखों पर्यटक उत्तराखंड आते हैं। ऐसे में भूस्खलन, बारिश और नदियों का जलस्तर बढ़ने से अक्सर जान-माल का नुकसान होता है।
60 फीसदी से ज्यादा बारिश होने कि संभावना
मौसम विभाग ने इस बार सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के मुताबिक इसकी संभावना 60 फीसदी से ज्यादा है। उनका कहना है कि सभी विभाग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दें। मौसम विभाग द्वारा आधुनिक तकनीक की मदद से प्रभाव आधारित पूर्वानुमान जारी किया जा रहा है। इससे विभिन्न विभागों को आवश्यक व्यवस्था करने और अपनी तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है, इन सबके कारण वे हताहतों की संख्या को कम कर सकते हैं।
सड़कें और वाहन तबाह होने के अलावा बारिश के दौरान भूस्खलन की घटनाएं भी कई बार लोगों की जान जाने का कारण बन जाती हैं। उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार ने जल निकासी व्यवस्था में सुधार करने, भूस्खलन से बचने के लिए भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक से रिटेनिंग दीवारें बनाने, तार की बाड़ लगाने, भूस्खलन क्षेत्रों की निगरानी करने और पूर्व चेतावनी जारी करने और चट्टानों का मानचित्रण करने के निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में विस्तार से बताया। इस बीच भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आश्रय स्थलों का निर्माण भी एक अच्छा विकल्प माना गया है। यदि भूस्खलन क्षेत्रों में आश्रय स्थल बनाए जाएं तो भूस्खलन के दौरान सारा मलबा आश्रय स्थल पर गिरेगा, जिससे वहां यात्रियों के लिए सड़क सुरक्षित हो जाएगी और यात्रियों की जान भी सुरक्षित रहेगी।