सरकार ने खाली कराया काबुल हाउस, देहरादून के काबुल महल का है काबुल शाही परिवार का इतिहास

देहरादून में कई रहस्य छुपे हुए हैं जिनसे शहर में रहने वाले लोग भी अनजान हैं…शहर के बीचों-बीच यहां एक काबुल हाउस स्थित है, जो वर्षों पुराना महल था, जो अब वीरान हो गया है। पहले यह स्थान काबुल के शाही लोगों का घर था। 400 करोड़ रुपये की इस संपत्ति में कल तक 16 परिवारों के 300 लोग रहते थे, लेकिन अब प्रशासन ने इन सभी को घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. यहां हम आपको काबुल हाउस का इतिहास भी बताते हैं। कहा जाता है कि काबुल के एक राजा हुआ करते थे मोहम्मद याकूब खान।

100 साल पहले काबूल के राजा ने बनाया था घर

मोहम्मद याकूब वह शख्स है जिसने देहरादून के 15बी ईसी रोड पर इस महल का निर्माण कराया था। वह काबुल से देहरादून आकर बस गये। तब ब्रिटिश सरकार ने उन्हें महल बनाने के लिए जमीन दी। सरकार का कहना है कि आजादी के बाद याकूब खान दूसरे देश चले गए, लेकिन जो लोग उनके साथ रह रहे हैं, वे यहीं रह गए, वहीं जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों का कहना है कि वे याकूब खान के वंशज हैं और सालों से यहीं रह रहे हैं. यह मामला 40 साल तक डीएम कोर्ट में था।

कुछ दिन पहले डीएम ने इस जमीन को खाली कराने का आदेश जारी किया था। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट अपनी पूरी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और काबुल हाउस को अतिक्रमण से मुक्त कराया. ये तो हुआ घर और संपत्ति का इतिहास अब आपको उन लोगों का पक्ष भी बताते हैं जिन्हें यहां से हटाया गया था। काबुल हाउस से निकाले गए लोगों का कहना है कि हम विस्थापित हैं और भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान यहां आकर बसे थे।

लोग कह रहे हैं कि लोग उनका पक्ष नहीं सुन रहे हैं. अपने घरों से बेघर हुए 16 परिवारों के सिर पर अब छत नहीं बची है. हम यहां 80 साल से रह रहे थे. मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में होनी थी, कोर्ट ने एक महीने का स्टे दे दिया है, लेकिन उससे पहले ही हमें घर से बाहर निकाल दिया गया. इस मामले में प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई जिलाधिकारी कोर्ट के आदेश के मुताबिक की गई है।

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