पिता को वर्दी में देख मिली प्रेरणा, बागेश्वर का नीरज बना एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर

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देश को बहादुर सैन्य अधिकारी और जवान देने के मामले में उत्तराखंड हमेशा पहले स्थान पर रहा है। यहां के युवा राज्य की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। हर साल उत्तराखंड के कई युवा अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए सेना में शामिल हो रहे हैं।

फ्लाइंग ऑफिसर बनने के बाद गांव में खुशी की लहर

आज हम बात कर रहे हैं बागेश्वर के नीरज तिवारी के बारे में, उन्होंने वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर राज्य का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि पर इलाके में जश्न का माहौल है। परिजन गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। नीरज ने अपनी आठवीं तक की पढ़ाई कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल, कठायतबाड़ा से पूरी की, इसके बाद उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई जनरल बीसी जोशी आर्मी पब्लिक स्कूल, पिथौरागढ़ से पूरी की।

इसके बाद नीरज स्नातक की पढ़ाई के लिए बीएससीएजी, पंतनगर चले गए। अगर हम नीरज तिवारी के परिवार की पृष्ठभूमि पर नज़र डालें तो हम आपको बताना चाहेंगे कि नीरज की प्रेरणा उनके पिता ही थे जो सेना से कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हैं, माँ गीता तिवारी एक गृहिणी हैं।

अपने पिता को हर रोज सेना की वर्दी में देखकर नीरज हमेशा सेना में शामिल होने का सपना देखते थे। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। माता-पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद से सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र तिवारी के पुत्र नीरज तिवारी को 17 दिसंबर को एयर फोर्स एकेडमी हैदराबाद से कमीशन प्राप्त हुआ।

नीरज के पिता रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि नीरज फ्लाइंग ऑफिसर पहले प्रयास में परीक्षा पास करने में सफल रहे। 16 महीने की कड़ी मेहनत के बाद नीरज वायुसेना में अधिकारी बनने में सफल हुए। नीरज ने अनुशासित दिनचर्या का पालन किया और प्रशिक्षण के दौरान एकाग्र रहे। अब वह वायुसेना में पायलट के तौर पर काम करेंगे। नीरज तिवारी ने वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर प्रदेश को गौरवान्वित किया है।