धूम धाम से बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट, अब 6 महीने करीए ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन

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6 महीने तक जनता को दर्शन देने के बाद आखिरकार भैया दूज के मौके पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।हर वर्ष पवित्र पर्व भैया दूज के शुभ अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए सुबह 8:30 बजे बंद कर दिए जाते थे। सुबह चार बजे मंदिर के गर्भगृह में पूजा शुरू हुई. डोली धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर बाबा की चल उत्सव विग्रह रात्रि प्रवास के लिए प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी देवता की मूर्ति शीत ऋतु में विभिन्न पड़ावों से होकर गुजरी।

ॐ नमः शिवाय के जयकारो के साथ बंद हुए कपाट

जो लोग बाबा केदार के दर्शन करना चाहते हैं वे अब ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। अगले छह महीने तक यहां भोले बाबा के दर्शन होंगे। ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज भैया दूज पर पूजा-अर्चना के बाद विधि-विधान से बंद कर दिए गए हैं।

सुबह छह बजे मुख्य पुजारी ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ को बुलाया और धर्मगुरुओं की मौजूदगी में संभु शिवलिंग को विभूति और सूखे फूलों से ढककर समाधि स्वरूप में स्थापित किया।

प्रातः ठीक आठ बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल के लिये बन्द कर दिये गये। अब अगले साल अक्षय तृतीया पर खुलेंगे कपाट। अब यह कहा जाता है कि छह महीने तक केदार घाटी केदारनाथ के स्थानीय देवता भैरव नाथ की देखभाल में रहेगी, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे सर्दियों में केदारनाथ मंदिर की रक्षा करते हैं।